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Misses kasak ridam Agnivanshi...!

अब आगे .....

कसक जब मेंशन के अंदर आई तो उसने देखा की शत्रुग्न,अभय और अनंत के साथ बैठ कर ऋदम के बारे में बात कर रहा था |

"बहुत ही प्यारी लड़की है अभय,और सबसे बड़ी बात वह अग्निवंशी परिवार की बहु बनने के लिए लायक भी है | "

शत्रुग्न की यह बात सुन कसक के कदम एक पल के लिए रुक गए थे,और उसके होंठो पर अजीब तरह का स्माइल भी आ गया था |

वह सीधे लिफ्ट के तरफ जाने लगी की तभी उसे फाल्गुनी की आवाज सुनाई दी |

" कसक......? "

कसक मुड़ कर फाल्गुनी की तरफ देखने लगी,जो एक ट्रे में खाना लिए किचन से बाहर आ रही थी |

कसक उसके तरफ जाते हुए बोली,""_ जी....!! "

फाल्गुनी उसके करीब आ कर बोली,""_ कहा थी तुम ? और ऐसा लग रहा है की तुम अब घर आ रही हो ? यह कोई वक्त है घर आने का ? Hm ? "

बोलते हुए फाल्गुनी थोड़ा गुस्से में लग रही थी | कसक बोली,""_ नही आंटी..., मैं तो जल्दी ही घर आ गई थी, बस बाहर गार्डन में थी | "

कसक की बात पर फाल्गुनी ने कहा ,""_ फिर तुम डिनर पर क्यों नहीं आई ? कुछ खाया भी है तुमने ?

फाल्गुनी की बाते ज्यादा ही स्ट्रेट फॉरवर्ड और थोड़ा रूड टोन में था |

कसक जब 17 साल की थी, तब आशुतोष ने खुद कसक को अग्निवंशी मेंशन लाया था ,और तब से वह अग्निवंशी मेंशन में ही रह रही थी और पहले दिन से फाल्गुनी की बाते उससे ऐसे ही होते थे ,लेकिन इसका मतलब यह नहीं था की वह कसक को ना पसंद करती है |

कसक ने कहा ,""_ जी...वह मुझे भूख नही ....? "

कसक अपनी बात पूरा करती उससे पहले फाल्गुनी ने उसके हाथ में खाने का ट्रे पकड़ा कर कहा ,""_ तुम इसे ऋदम को दे आओ,तब तक मैं तुम्हारे लिए कुछ रेडी करवाती हूं | "

कसक ने एक नजर ट्रे को देखा,फिर फाल्गुनी से बोली,""_ नही आंटी मुझे भूख....? "

फाल्गुनी कसक को बुरी तरह घूरने लगी तो कसक आगे कुछ बोल नहीं पाई | उसने अपना सर हिलाया और सीधे लिफ्ट के अंदर घुस गई |

शत्रुग्न और अनंत के साथ बैठे अभय फाल्गुनी और कसक को ही नोटिस कर रहा था | फाल्गुनी की बात करने का तरीका घर में सिर्फ कसक के साथ ही ऐसा होता था,जो अभय को बिलकुल पसंद नही आता था |

ऋदम का रूम....

ऋदम सिगरेट का कश भरते हुए , लैपटॉप के स्क्रीन को देख रहा था |इस वक्त वहा एक कांफ्रेंस मीटिंग हो रहा था जो अंडरवर्ल्ड से जुड़ा था |

ऋदम का औरा एक दम एक्सप्रेशन लेस था | और वह काफी calm हो कर मीटिंग में डिस्कस हो रहे बाते सुन रहा था |

तभी रूम का डोर अचानक से खुला,और कसक खाने के ट्रे लिए अंदर आ गई |

ऋदम ने उसे एक नजर देखा फिर वापस से अपना सारा ध्यान मीटिंग पर किया | वही कसक को उससे कोनसा फरक पड़ता था ,वह तो चाहती थी की ऋदम उसे बख्श दे |

वह चुपचाप काफ़ी टेबल पर खाने की ट्रे रखी,फिर वहा से जाने लगी | लेकिन उसकी बदकिस्मती यह था की उसके अंदर आते ही डोर अपने आप लॉक हो चुका था |

कसक के दांत भींच गए थे | वह गुस्से से मुड़ कर ऋदम को घूरने लगी, जो अभी भी मीटिंग में busy लग रहा था |

थोड़ी देर बाद ऋदम ने अपना मीटिंग खत्म किया,फिर अपने नजरे उठा कर कसक को देखा |

कसक काफी देर से अपने जगह में ही खड़ी बस नीचे फर्श को घूर रही थी | तभी ऋदम अपने जगह से उठते हुए कहा ,""_ तुम वहा क्यों खड़ी हो ? "

ऋदम के सवाल पर कसक ने कोई जवाब नही दिया,और नाही उसने उसके तरफ देखने की जहमत उठाई |

ऋदम उसके बेहद करीब जा कर,उसके चेहरे को अपने तरफ घूमाने को हुआ की तभी कसक के मुंह से हल्का सा आह्हह निकल गया |

" अअह्ह्ह्ह्ह......!!

ऋदम ने झट से अपना हाथ पीछे ले लिया, क्यों की उसने कसक के उसी गाल पर हाथ रखा था,जिसे ऑफिस में उसने काफी ज्यादा जख्मी कर दिया था |

कसक ने कहा ,""_मुझे थोड़ी देर के लिए नीचे जाना है | "

फाल्गुनी ने उसे खाना दे कर वापस आने को कहा था | अगर वह देर से जाती या फिर नही जाती तो सुबह वह उन्हे फेस नही कर पाएगी |

लेकिन ऋदम को उसे जाने देने का कोई इरादा नही था | वह उसके हाथ पकड़ कर सोफे के पास ले जाने लगा तो कसक बोली,""_ मुझे आंटी ने बुलाया है ऋदम, मैं......? "

ऋदम रुक कर उससे सख्ती से कहा ,""_मैं अपने ब्लैक हार्ट को सिर्फ दिन में ही हद में रहने समझा सकता हु कसक,अभी आसामान में अंधेरा छाया हुआ है ,तो तुम्हारा इस वक्त कुछ ना कहना ही बेहतर होगा | "

ऋदम की बात पर कसक एक दम खामोश हो गई | सुबह जब ऑफिस में ऋदम उसके करीब आया था तब कसक ने उसे यही बात कहते हुए खुद से दूर रहने कहा था | अब शाम ढल कर रात हो चुका था,तो उसके और ऋदम के बीच हुई कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से उसे पूरी तरह इस वक्त ऋदम के कटपुतली बनना था |

ऋदम कसक को सोफे के पास ले गया,फिर उसे अपने गोद में लिए बैठते हुए कहा ,""_ चलो मुझे अभी खिलाओ | "

कसक ने उसे एक नजर घूरा फिर उसे बेमन से खिलाने लगी | ऋदम खाना चबाते हुए कसक का चेहरा ही देख रहा था |

वह फिर कसक के हाथ से खाने का निवाला ले कर उसके मुंह के तरफ बढ़ाया |

कसक ने उसे एक नजर देखा फिर अपना मुंह फेरते हुए कहा ,""_ आपके हाथ से मैं सिर्फ जहर खाना पसंद करती हु | "

" तुम्हारी पसंद ना पसंद के बारे में पूछ नही रहा ,और मुझे उससे मतलब भी नही है | " बोलते हुए ऋदम ने कसक के गालों को हल्के से दबाया तो कसक का मुंह खुल गया और ऋदम सीधे उसके मुंह में खाने का निवाला रख दिया |

कसक ऋदम को बेहद गुस्से से घूरते हुए खाना चबाने लगी | ऋदम को उसके घूरने से कोई फरक नही पड़ता था ,वह उसे वार्न भरी लुक देते हुए ऐसे ही खिलाने लगा |

थोड़ी देर बाद ऋदम पानी का ग्लास बढ़ाते हुए कहा ,""_ यह लो...!! "

कसक ने उसके हाथ से ग्लास छीना और खुद ही पानी पीने लगी,लेकिन वह अभी भी उसे घूर रही थी |

लेकिन ऋदम की नज़र कसक के लाल और सूझे हुए गाल पर था | वह धीरे से झुक कर कसक के गाल पर अपने होंठो रखा था तो कसक के आंखे कसके भींच गए |

ऋदम उसके हाथ से ग्लास ले कर नीचे रखा,फिर कसक के चेहरे को अपने दोनो हाथों में भर कर बारी बारी से उसके पलकों पर किस करने लगा |

कसक चुपचाप उसके बाहों में सिहरते हुए हल्के से आह भरने लगी | ऋदम बहुत ही सॉफ्ट और प्यार से उससे किस कर रहा था |

तभी उसका नज़र कसक के फोन पर गया,जो साइलेंट मोड में बज रहा था,कॉल इस वक्त आशुतोष का था |

ऋदम ने एक नज़र कसक को देखा, कसक अपने आंखे बंद कर बस उसके होंठो को फील कर रही थी | ऋदम ने कॉल इग्नोर करा,फिर कसक को अपने बाहों में लिए सीधे बेड के पास गया |

कसक ने धीरे से अपने आंखे खोल कर इधर उधर देखते हुए अपने सांसों को नॉर्मल करने लगी,ऋदम के इस तरह करीब आ कर किस करने से उसके धड़कने ज्यादा ही तेज हो गए थे |

ऋदम धीरे से कसक को बेड पर लेटाया,फिर उसके ऊपर आ कर उसके पूरे चेहरे पर किस करने लगा |

कसक अपने दोनो पैरो को आपस में रब करते हुए अपने होंठ चबाती रही लेकिन अचानक से उसे थोड़ी देर पहले शत्रुग्न की बात याद आ गई,जो अभय और अनंत से कह रहा था |

वह जल्दी से अपने आंखे खोल कर

ऋदम से बोली,""_ मैं बहुत खुश हू ....!!! "

बोलते हुए कसक के होंठो पर बड़ी सी स्माइल थी | लेकिन ऋदम को समझ नही आया था की कसक यह क्या कह रही है ?

वह कसक के गाल पर टैप करते हुए धीमी आवाज में पूछा,""_मैं तुम्हारे साथ रात बिता रहा हु इसीलिए ? I can't believe कसक की, तुम मेरा इस तरह तुम्हारे करीब आने से खुश हो रही हो "

ऋदम की बात सुन कसक का चेहरा गुस्से से भर गया था | वह अपने दांत पीसते हुए एक एक शब्द पर भी जोर देते हुए बोली,""_ मै खुश इसीलिए हूं कि कल से आपके बिस्तर पर मैं नही होंगी,मुझे फाइनली आपसे छुटकारा मिलेगा | "

ऋदम की eyebrows सिकुड़ गए | वह कसक से पूछा ,""_ क्या कहा तुमने ? छुटकारा ? वह भी मुझसे ? "

कसक थोड़ी देर ऋदम को घूर कर देखी,फिर वह बोली,""_ हां,दादू थोड़ी देर पहले आप जैसे राक्षस के लिए किसी चुड़ैल को लाने की बात कर रहे थे ,जैसे ही वह आएगी वैसे ही मैं आजाद हो जाऊंगी | "

बोलते हुए कसक ने एक राहत भरा सांस लिया | वही ऋदम एक दम खामोशी से कसक को देख रहा था | वह फिर अपने चेहरे पर एविल स्माइल लिए कसक से कहा ,""_ तो तुम यह सोच रही हो की जैसे ही मेरी शादी किसी से होगी तो तुम मुझसे आजाद हो जाओगी ? "

हा....!!! " कसक ने जवाब में जल्दी से कहा |

ऋदम हल्के से मुस्कुराया फिर झुक कर कसक के होंठो को काटते हुए कहा ,""_ लॉयर साहिबा,अपने इत्तू से दिमाग में बड़ी बड़ी गलातफहमी पालना बंद करो |

कसक की आंखे सिकुड़ गए | वह जल्दी से ऋदम को खुद से अलग करते हुए पूछी ,""_ क्या..क्या मतलब है आपका ? शादी होने के बाद भी आप मुझे बक्शेंगे नही ? "

" बिलकुल नही....!! " बेफक्री से बोलते हुए ऋदम उसके गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर किस करने लगा |

वही कसक का चेहरा गुस्से से भर गया | वह ऋदम को पूरी ताकत से खुद से धखेलते हुए कहा ,""_ क्या कह रहे है आप ? अगर आपकी शादी हुई तो वह कॉन्ट्रैक्ट हमारे बीच नहीं रहेगा,मतलब मैं आपसे आजाद हो जाऊंगी | "

कसक का इस तरह खुद से दूर करने से ऋदम का औरा गुस्से से सख्त हो गया था | लेकिन कसक की बात सुन वह मुस्कुरा उठा |

ऋदम की मुस्कुराहट ज्यादा ही डरा देने वाला था | वह बेचैनी से पूछी ,""_ आ......आप हंस क्यों रहे है ? "

ऋदम उसे अपने करीब खींचा,फिर उसके गाल पर किस करते हुए कहा _ Hmmm कुछ नही .....!! "

ऋदम की बात पर कसक अजीब तरह से बेचैनी महसूस करने लगी थी | वह उस कांट्रैक्ट पर लिखे हुए शर्तों को याद करने लगी ,लेकिन ऋदम जो हरकत उसके बदन के साथ कर रहा था वह पूरी तरह ब्लैंक होते जा रही थी | उसका दिमाग कुछ भी सोचने के हालत में ही नही लग रहा था |

ऋदम धीरे धीरे कसक के गर्दन में अपना चेहरा छुपा कर उसे किस करते हुए कसक के कपड़े उसके बदन से अलग करने लगा |

कसक आहे भरते हुए बोली,""_ आ a..... आप ummmm | "

ऋदम कसक के होंठो को अपने होंठो के गिरफ्त में ले कर बुरी तरह चूमने लगा था | कसक की आगे की बात उसके गले में ही अटक कर रह गया था | वही ऋदम कसक के दोनो हाथो में अपने हाथो को उलझा कर बेड पर दबा रहा था |

कसक का वह छोटू सा बदन उसके बदन के नीचे दब सा गया था |

रश्या.......

ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी एंजल अपने गर्दन को नम आंखों से देख रही थी ,जहा पर कुछ जला हुआ निशान बना हुआ था | व्योम ने उसके गर्दन में सिगरेट को ऐसे बुझाया था जैसे वह एंजल का गर्दन कोई ऐश बॉक्स हो ?

वह धीरे से सामने रखे फर्स्ट एड बॉक्स से ointment निकाला ,फिर अपने गर्दन पर लगाने को हुई लेकिन तभी उसका फोन बजा |

एंजल ने एक नजर कॉल के स्क्रीन पर शो हो रहे व्योम का नाम देखा,फिर जल्दी से कॉल पिक किया |

उधर से व्योम ने कहा ,""_ हम अभी इंडिया जा रहे है ,जाओ जा कर जेट रेडी करो | "

" व्योम हम अभी जा रहे है ....? " व्योम की बात पूरा होते ही एंजल ने हैरान भरा आवाज में कहा |

उधर से व्योम थोड़ी देर खामोश रहा,फिर उससे सख्ती से कहा ,""_ तुम में जरा भी सेंस है ? मैं तुम्हारा बॉस हु,call me boss idiot....| "

व्योम ने तेज़ आवाज़ में चिल्लाया था | एंजल उसे हमेशा व्योम ही कहती थी लेकिन जब से उनका डायवोर्स हुआ था ,उसी वक्त से वह उसका नाम लेने का हक खो चुकी थी |

To be continued........

Precap....

" यह लड़की दो दिन पहले ही आस्ट्रेलिया से आई है ऋदम,तुम इससे एक बार मिललो ,हम शादी के बात चित आगे बढ़ाते है | "

सोफे पर बैठे ऋदम के तरफ देखते हुए शत्रुग्न ने कहा | वही ऋदम की नजर कसक पर था,जो यह खबर सुन ज्यादा ही खुश लग रही थी |

ऋदम ने कहा ,""_ कसक इधर आओ..| "

हुह ..? " कसक हैरानी से ऋदम के तरफ देखने लगी,तो सभी घरवाले कसक के तरफ देखने लगे क्यों की उन्हे समझ नही आया की ऋदम कसक को क्यों बुला रहा है |

कसक अपने जगह में ही खड़ी रही,तभी ऋदम बेहद सर्द आवाज में उसका नाम लिया तो कसक अपने कदम आगे बढ़ाई लेकिन ऋदम की आगे की बात सुन सभी का हैरानी से मुंह खुला का खुला रह गया |

" Meet my wife Dadu..., Misses kasak Ridam Agnivanshi "

क्या होगा आगे,जानने के लिए पढ़ते रहिए guys,

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